Sunday, 22 July 2012

न्यू मीडिया क्या है?


'न्यू मीडिया' संचार का वह संवादात्मक (Interactive)स्वरूप है जिसमें इंटरनेट का उपयोग करते हुए हम पॉडकास्ट, आर एस एस फीड, सोशल नेटवर्क (फेसबुक, माई स्पेस, ट्वीट्र), ब्लाग्स, विक्किस, टैक्सट मैसेजिंग इत्यादि का उपयोग करते हुए पारस्परिकसंवाद स्थापित करते हैं। यह संवाद माध्यम बहु-संचार संवाद का रूप धारण कर लेता है जिसमें पाठक/दर्शक/श्रोता तुरंत अपनी टिप्पणी न केवल लेखक/प्रकाशक से साझा कर सकते हैं, बल्कि अन्य लोग भी प्रकाशित/प्रसारित/संचारित विषय-वस्तु पर अपनी टिप्पणी दे सकते हैं। यह टिप्पणियां एक से अधिक भी हो सकती है अर्थात बहुधा सशक्त टिप्पणियां परिचर्चा में परिवर्तित हो जाती हैं। उदाहरणत: आप फेसबुक को ही लें - यदि आप कोई संदेश प्रकाशित करते हैं और बहुत से लोग आपकी विषय-वस्तु पर टिप्पणी देते हैं तो कई बार पाठक-वर्ग परस्पर परिचर्चा आरम्भ कर देते हैं और लेखक एक से अधिक टिप्पणियों का उत्तरदेता है।न्यू मीडिया वास्तव में परम्परागत मीडिया का संशोधित रूप है जिसमें तकनीकी क्रांतिकारी परिवर्तन व इसका नया रूप सम्मलित है।
न्यू मीडिया संसाधनन्यू मीडिया का प्रयोग करने हेतु कम्प्यूटर, मोबाइल जैसे उपकरण जिनमें इंटरनेट की सुविधा हो, की आवश्यकता होती है। न्यू मीडिया प्रत्येक व्यक्ति कोविषय-वस्तु का सृजन, परिवर्धन, विषय-वस्तु का अन्य लोगों से साझा करने का अवसर समान रूप से प्रदान करता है। न्यू मीडिया के लिए उपयोग किए जाने वाले संसाधन अधिकतर निशुल्क या काफी सस्ते उपलब्ध हो जाते हैं।
न्यू मीडिया का भविष्ययह सत्य है कि समय के अंतराल के साथ न्यू मीडियाकी परिभाषा और रूप दोनो बदल जाएं। जो आज नया है संभवत भविष्य में नया न रह जाएगा यथा इसे और संज्ञा दे दी जाए। भविष्य में इसके अभिलक्षणों में बदलाव, विकास या अन्य मीडिया में विलीन होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।न्यू मीडिया ने बड़े सशक्त रूप से प्रचलित पत्रकारिता को प्रभावित किया है। ज्यों-ज्यों नई तकनीक,आधुनिक सूचना-प्रणाली विकसित हो रही है त्यों-त्योंसंचार माध्यमों व पत्रकारिता में बदलाव अवश्यंभावी है।रोहित कुमार 'हैप्पी'
 न्यू मीडिया और ऑनलाइन पत्रकारिता की नई माँगेंवेब पत्रकारिता की भाषा
 
न्यू मीडिया
न्यू मीडिया विशेषज्ञ या साधकआप पिछले १५ सालों से ब्लागिंग कर रहे हैंलंबे समय से फेसबुकट्विटर,यूट्यूब इत्यादि का उपयोग कर रहे हैं जिसके लिए आप इंटरनेटमोबाइल व कम्प्यूटर का प्रयोग भी करते हैं तो क्या आप न्यू मीडिया विशेषज्ञ हुए?ब्लागिंग करना व मोबाइल से फोटो अपलोड कर देना ही काफी नहीं है। आपको इन सभी का विस्तृत व आंतरिक ज्ञान भी आवश्यक है। न्यू मीडिया की आधारभूत वांछित योग्यताओं की सूची काफी लंबी है और अब तो अनेक शैक्षणिक संस्थान केवल  'न्यू मीडियाका विशेष प्रशिक्षण भी दे रहे हैं या पत्रकारिता में इसे सम्मिलित कर चुके हैं।ब्लागिंग के लिए आप सर्वथा स्वतंत्र है लेकिन आपको अपनी मर्यादाओं का ज्ञान और मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता की सीमाओं का भान भी आवश्यक है। आपकी भाषा मर्यादित हो और आप आत्मसंयम बरतें अन्यथा जनसंचार के इन संसाधनों का कोई विशेष अर्थ व सार्थक परिणाम नहीं होगा। इंटरनेट पर पत्रकारिता के विभिन्न रूप सामने आए हैं -
  • अभिमत - जो पूर्णतया आपके विचारों पर आधारित है जैसे ब्लागिंग
  • फेसबुक या टिप्पणियां देना इत्यादि।
  • प्रकाशित सामग्री या उपलब्ध सामग्री का वेब प्रकाशन
  •   - जैसे समाचारपत्र-पत्रिकाओं के वेब अवतार।
  • पोर्टल व वेब पत्र-पत्रकाएं (ई-पेपर और ई-जीन जिसे वेबजीन भी कहा जाता है)
  • पॉडकास्ट - जो वेब पर प्रसारण का साधन है।
कोई भी व्यक्ति जो 'न्यू मीडियाके साथ किसी भी रूप में जुड़ा हुआ है किंतु वांछित योग्यताएं नहीं रखता उसे हम 'न्यू मीडिया विशेषज्ञन कह कर 'न्यू मीडिया साधककहना अधिक उपयुक्त समझते हैं। 
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वेब पत्रकारिता लेखन व भाषा 
वेब पत्रकारिताप्रकाशन और प्रसारण की भाषा में आधारभूत अंतर है। प्रसारण व वेब-पत्रकारिता की भाषा में कुछ समानताएं हैं। रेडियो/टीवी प्रसारणों में भी साहित्यिक भाषाजटिल व  लंबे शब्दों से बचा जाता है। आप किसी प्रसारण में, 'हेतुप्रकाशनाधीनप्रकाशनार्थकिंचितकदापि,यथोचित इत्यादिजैसे शब्दों का उपयोग नहीं पाएँगे।   कारण?  प्रसारण ऐसे शब्दों से बचने का प्रयास करते हैं जो उच्चारण की दृष्टि से असहज हों या जन-साधारण की समझ में न आएं। ठीक वैसे ही वेब-पत्रिकारिता की भाषा भी सहज-सरल होती है।वेब का हिंदी पाठक-वर्ग आरंभिक दौर में अधिकतर ऐसे लोग थे जो वेब पर अपनी भाषा पढ़ना चाहते थेकुछ ऐसे लोग थे जो विदेशों में बसे हुए थे किंतु अपनी भाषा से जुड़े रहना चाहते थे या कुछ ऐसे लोग जिन्हें किंहीं कारणों से हिंदी सामग्री उपलब्ध नहीं थी जिसके कारण वे किसी भी तरह की हिंदी सामग्री पढ़ने के लिए तैयार थे। आज परिस्थितिएं बदल गई हैं मुख्यधारा वाला मीडिया आनलाइन उपलब्ध है और पाठक के पास सामग्री चयनित करने का विकल्प है।इंटरनेट का पाठक अधिकतर जल्दी में होता है और उसे बांधे रखने के लिए आपकी सामग्री पठनीयरूचिकर व आकर्षक हो यह बहुत आवश्यक है। यदि हम ऑनलाइन समाचार-पत्र की बात करें तो भाषा सरलछोटे वाक्य व पैराग्राफ भी अधिक लंबे नहीं होने चाहिएं। 
विशुद्ध साहित्यिक रुचि रखने वाले लोग भी अब वेब पाठक हैं और वे वेब पर लंबी कहानियां व साहित्य पढ़ते हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए भविष्य में साहित्य डाऊनलोड करने का प्रावधान अधिक उपयोग किया जाएगा ऐसी प्रबल संभावना है।  साहित्यि क वेबसाइटें स्तरीय साहित्यका प्रकाशन कर रही हैं और वे निःसंदेह साहित्यिक भाषा का उपयोग कर रही हैं लेकिन उनके पास ऐसा पाठक वर्ग तैयार हो चुका है जो साहित्यिक भाषा को वरियता देता है।सामान्य वेबसाइट के पाठक जटिल शब्दों के प्रयोग व  साहित्यिक भाषा से उकता जाते हैं और वे आम बोल-चाल की भाषा अधिक पसंद करते हैं अन्यथा वे एक-आध मिनट ही साइट पर रूककर साइट से बाहर चले जाते हैं।
सामान्य पाठक-वर्ग को बाँधे रखने के लिए आवश्यक है कि साइट का रूप-रंग आकर्षक होछायाचित्र व ग्राफ्किस  अर्थपूर्ण होंवाक्य और पैराग्राफ़ छोटे होंभाषा सहज व सरल हो। भाषा खीचड़ी न हो लेकिन यदि उर्दू या अंग्रेज़ी के प्रचलित  शब्दों का उपयोग करना पड़े तो इसमें कोई बुरी बात न होगी। भाषा सहज होनी चाहिए शब्दों का ठूंसा जाना किसी भी लेखन को अप्रिय बना देता है।रोहित कुमार 'हैप्पी'
 न्यू मीडिया क्या है?न्यू मीडिया और ऑनलाइन पत्रकारिता की नई माँगेंवेब पत्रकारिता की भाषा न्यू मीडिया विशेषज्ञ या साधक3न्यू मीडिया और ऑनलाइन पत्रकारिता की नई माँगें नि:संदेह न्यू मीडिया बड़े सशक्त रूप से परंपरागतप्रचलित मीडिया को प्रभावित कर रहा है। आज पत्रकारों को  न्यू मीडिया से जुड़ने के लिए नई तकनीक, आधुनिक सूचना-प्रणाली, सोशल-मीडियासर्च इंजन प्रवीणता और वेब शब्दावली से परिचय होना अति-आवश्यक हो गया है। केवल ब्लागिंग मात्र करने से आप संपूर्ण वेब-पत्रकार नहीं कहलाते। वेब-पत्रकारिता का क्षेत्र काफी विस्तृत है और आपको पत्रकारिता के अतिरिक्त वेब, मल्टीमीडिया, सर्च इंजन और उनकी कार्यप्रणाली व ग्रॉफिक की समझ होनी चाहिए। इन तत्वों के बिना भी आप न्यू मीडिया में काम तो कर सकते हैं परंतु एक सक्षम वेब पत्रकार के लिए इनमें प्रवीणता हासिल करना उपयोगी होगा।आइएदेखें एक वेब पत्रकार के लिए किन-किन योग्यताओं की आवश्यकता होती है:
  • पत्रकारिता का ज्ञान
  • इंटरनेट
  •  का उपयोग
  • सर्च इंजन उपयोग में दक्षता
  • इंटरनेट इंवेस्टिगेश
  • यदि हम हिंदी वेब पत्रकारिता में काम करना चाहते हैं तो
  •  हिंदी यूनिकोड का ज्ञान व हिंदी टंकण
  • सी एम एस
  •  (कांटेंट मैनेजमैंट स्सिटम) जैसे जुमलावर्ड प्रैससी एम एस एम एस इत्यादि
  • यू ट्यूब
  •  इत्यादि पर वीडियो अपलोड कैसे करेमैटा टैग कैसे लिखे इत्यादि
  • बेसिक ग्रॉफिक का ज्ञान जैसे अडोबी फोटोशॉप पर फोटो को संपादित करना व उसे वेब के लिए तैयार करना
  • बेसिक वीडियो व ऑडीओ
  •  एडटिंग
  • पॉडकास्ट
  • आर एस एस फीड
  • सोशल नेटवर्क (फेसबुक
  • , माई स्पेसगूगल प्लस, ट्विटर),
उपरोक्त अधिकतर योग्यताओं में यदि पूर्ण निपुणता न भी हो लेकिन इनका आधारभूत ज्ञान न होने पर वेब-पत्रकारिता का सफल होना संभव नहीं। हाँ,आप परंपरागत पत्रकारिता को ही वेब-पत्रकारिता कहते या समझते रहे तो अलग बात है।रोहित कुमार 'हैप्पी'
न्यू मीडिया क्या है?न्यू मीडिया और ऑनलाइन पत्रकारिता की नई माँगेंवेब पत्रकारिता की भाषान्यू मीडिया विशेषज्ञ या साधक

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