इंतज़ार
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एक
अनजाने सफ़र में चले जा रहा हूँ मैं,
बीच
राह में खड़े तेरा इंतज़ार किये जा रहा हूँ मैं |
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ना
मंज़िल का पता है मुझे,
ना तेरे आने की खबर ,
फिर भी
ना जाने क्यूँ तेरा इंतज़ार किये जा रहा हूँ मैं |
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मैं
जानता ही नहीं इस सफर का अन्त क्या होगा ,
फिर भी
ना जाने क्यूँ ये सफ़र तय किये जा रहा हूँ मैं ||
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ना
दुनिया से कोई गिला है मुझे, ना
तुझसे कोई शिकायत,
फिर भी
ना जाने क्यूँ खुद से शिकायत किये जा रहा हूँ मैं ||
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बहुत
डरता हूँ मैं तुझसे दूर जाने से ,
फिर भी
ना जाने क्यूँ तुझसे दूर हुए जा रहा हूँ मैं ||
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पर अब
भी आस है मुझे तेरे लौट आने की ,
इसलिए
अब भी तेरा इंतज़ार किये जा रहा हूँ मैं ||
----०----
राज़
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